कहते हैं होनी को कोई टाल नहीं सकता, और भगवान की इच्छा के बगैर पत्ता भी नहीं हिल सकता..
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अनहोनी का कुछ पता नहीं और होनी को कोई टाल नहीं सकता, लेकिन ऐसी घटनाओं का क्या, जिसके लिए किस्मत नहीं आदमी जिम्मेदार हो।
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जब हम किसी बीती हुई अप्रिय बात पर अफसोस करते हैं, तो हमारे शुभचिंतक हमें ‘ भगवान की यही इच्छा थी ', ‘ होनी को कोई टाल नहीं सकता ', ' समय बड़ा बलवान है ', आदि बहुत कुछ कह कर तसल्ली देते हैं।